राज भाटिया जी दो दिन पहले फिसल ही गये….…इस उम्र में। राज जी बडे जिन्दादिल आदमी हैं। उन्होंनें इस घटना को भी मजेदार बना दिया और चोटिल होने पर भी हम लोगों से गपशप लगाते रहे। और यह गंभीर वाक्या भी रोमांटिक सा हो उठा था। वाकई राज जी हर पल को एंज्वाय करते हैं। आशा है कि अब एकदम स्वस्थ होंगें। तो आज आप लोग भी हर उम्र के लोगों के फिसलने को एंज्वाय कीजिये और अपना फिसलना याद कीजिये।
यह फिसलन तो रोंगटे खड़ा करने वाली है भाई. .
ReplyDeleteबहुत मजेदार ! मुझे तो वो बेचारे अपने हिन्दुस्तानी भाई ( जींस वाला ) पर हंसी आ रही है !
ReplyDeleteतरह तरह की फिसलन .. बढिया संग्रह है !!
ReplyDeleteमज़ेदार
ReplyDeleteबी एस पाबला
हा..हां. है ये फिसला फिसली !!!
ReplyDeleteअरे, आपने सुना नहीं, न उम्र की सीमा हो...
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थोड़ी अक्ल लगाएं, खूब करें एन्ज्वाय...
विष का प्याला पी कर शिवजी नीलकंठ कहलाए।